Milta Rahunga Khawabo Main
Saturday, April 25, 2015
हर के हाथों में खंज़र
दिल में दुश्मनों की कतार हैं ।
मौकापरस्ती का अब ये आलम हैं
बेगुनाही की एक शाख के ताक में
हर कोई कत्ले आम को बेताब हैं ।
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