Saturday, July 25, 2015

भीनी भीनी सी खुश्बू आयी हैं तेरे शहर से
बड़ा मुश्किल होता हैं दिल को समझाना
मत बाँधा कर मुझको वादों की  ज़ंजीर से
जी चाहे बन मुशफिर फिर लौट आऊँ तेरे शहर को