जुल्फ गिरी , जुल्म हुआ
हाय राम जाने
किया किया हुआ
एक रोग आ लगा
लोगों ने कहा
इश्क़ हो गया
नींदे पुछे , कब आऊ
दिल बोले बस
उसका ख़्वाब लाओ
मत रख महरूम
अपने दीदार से
खुली आँखे ही
न सो जाऊ
जुल्फ गिरी , जुल्म हुआ
हाय राम जाने
किया किया हुआ
हाय राम जाने
किया किया हुआ
एक रोग आ लगा
लोगों ने कहा
इश्क़ हो गया
नींदे पुछे , कब आऊ
दिल बोले बस
उसका ख़्वाब लाओ
मत रख महरूम
अपने दीदार से
खुली आँखे ही
न सो जाऊ
जुल्फ गिरी , जुल्म हुआ
हाय राम जाने
किया किया हुआ
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