स्वराज कहु या ताजपोशी
सवाल अभी बुझा नहीं हैं -
पथ पे रोशनी आयी हैं
अँधेरा मगर मरा नहीं हैं
कलयुग कि एक कहानी हैं
हजार व्यथाऐ हर रोज पनपते हैं
व्यथाओ पे उम्मीद का दिया जलाये रखना
छोटा ही सही सच्चे कदम बढ़ाए चलना ।
- अमर
सवाल अभी बुझा नहीं हैं -
पथ पे रोशनी आयी हैं
अँधेरा मगर मरा नहीं हैं
कलयुग कि एक कहानी हैं
हजार व्यथाऐ हर रोज पनपते हैं
व्यथाओ पे उम्मीद का दिया जलाये रखना
छोटा ही सही सच्चे कदम बढ़ाए चलना ।
- अमर
No comments:
Post a Comment