हे राम ! मैं अधर्मी पापी
देता हू तुम्हे ललकार
आ सको तो आओ इस धरा पे
फिर एक बार
सत्य कि माला लिए
विजय कि आशा लिए
करने धर्मं का कल्याण
हे राम !
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