भीनी भीनी सी खुश्बू आयी हैं तेरे शहर से
बड़ा मुश्किल होता हैं दिल को समझाना
मत बाँधा कर मुझको वादों की ज़ंजीर से
जी चाहे बन मुशफिर फिर लौट आऊँ तेरे शहर को
बड़ा मुश्किल होता हैं दिल को समझाना
मत बाँधा कर मुझको वादों की ज़ंजीर से
जी चाहे बन मुशफिर फिर लौट आऊँ तेरे शहर को
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