Milta Rahunga Khawabo Main
Sunday, December 14, 2008
चाहत जागी हैं
अब न रोक मुझे जीने कि
चाहत जागी हैं
हर सपनो मैं मेहनत के रंग कि
चाहत जागी हैं
गिर भी गया तो किया उठने कि
चाहत जागी हैं
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment