Milta Rahunga Khawabo Main
Thursday, November 29, 2012
दिल रोया , चेहरा हंसा
तुम न समझ पाए मेरे दर्द को ।
Tuesday, November 27, 2012
प्यार
इंकार सहना सीख , सीख करना इंतज़ार
वरना न कर पाओगे कभी तुम प्यार ।
- अमर
Friday, November 23, 2012
मेरा वजूद
घर के आइने मैं ढूँढने लगा हु अपने वजूद को
बहुत दिन हो गए देखे बाहर कि धूप को ।
- अमर
Wednesday, November 21, 2012
उधार ढूँढती साँसे
उधार ढूँढती साँसे , तड़पती हैं ये जिंदगी
दे थोडा सुकून, पूरा कर जा खवाबों का एक ज़र्रा ।
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